Monday, March 12, 2018
शोर- गुल मचाने से नाम नहीं बनता, काम ऐसा करो की ख़ामोशी भी अख़बारों में छप जाए
वक़्त आपको बता देता है कि लोग क्या थे और आप क्या समझते थे
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